वक़्त तो लगता है। ( Waqt To Lagata Hai)

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है
नये परिन्दों को उड़ने में वक़्त तो लगता है।

जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था,
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है।

गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी,
लाख करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है।

हमने इलाज़ जोख्मे दिल को, धर लिया लेकिन,
गहरे ज़ख्मो को भरने में, वक़्त तो लगता है ||

--श्री हस्ती मल हस्ती

6 टिप्पणियाँ:

रवि कुमार, रावतभाटा ने कहा…

बेहतर कविताओं और कवियों की प्रस्तुति का बेहतर प्रयास...

शुभकामनाएं....

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

purani gazal hai.kafi samay bad samne aai.narayan narayan

gazalkbahane ने कहा…

भाई ये कवि गुमनाम नहीं हैं ,इनका नाम है श्री हस्ती मल हस्ती ,राजस्थान के रहने वाले हैं व मुम्बई में रहते हैं,साहित्य जगत में नामी-गिरामी हैं ।हां आगे से अगर आप को कवि का नाम न पता हो तो
गुमनाम की बजाए”अज्ञात’लिखें
ब्लॉग जगत पर पहला कदम रखने प्र स्वागत-यह दुनिया यानि ब्लॉगिंग की दुनिया भी हमारी पुरानी दुनिया सरीखी ही सुन्दर,अलबेली व कभी-कभी बेरहम भी लगेगी-बस अपनी पसन्द के साथी चुने या फ़िर यहां भी एकाकी चलें


‘.जानेमन इतनी तुम्हारी याद आती है कि बस......’
इस गज़ल को पूरा पढें यहां
श्याम सखा ‘श्याम’

http//:gazalkbahane.blogspot.com/ पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
http//:katha-kavita.blogspot.com/ पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें
word veri...यानि यह कमेन्ट बैरी हटाएं

बेनामी ने कहा…

Thanks a lot...

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था,
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है।

behatareen rachna. badhaai.

राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा…

हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |