हँसा जोर से
तो दुनिया बोली,
"इसका पेट भरा है"।
और फूट कर रोया जब
तो दुनिया बोली,
"नाटक है नखरा है"।
चुप रह गया,
तो लगाई तोहमद घमंड की,
कभी नही समझी वह,
इसके भीतर कितना दर्द भरा है।
दोस्त कठिन है यहाँ किसी
को अपनी पीड़ा समझाना,
दर्द उठे तो सुने पथ पर
पाँव बढ़ाना चलते जाना।
तुम्हारा दिसंबर खुदा !
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मुझे तुम्हारी सोहबत पसंद थी ,तुम्हारी आँखे ,तुम्हारा काजल तुम्हारे माथे पर
बिंदी,और तुम्हारी उजली हंसी। हम अक्सर वक़्त साथ गुजारते ,अक्सर इसलिए के, हम
दोनो...
4 वर्ष पहले
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