लकड़ जल के कोयला होय जाए (Lakad Jal ke Koyala ho jae)


लकड़ जल के कोयला होय जाए

लकड़ जल के कोयला होय जाए
कोयला होय जाए - खाक

जिया जले तो कुछ न होय रे
न धुंआ न राख


जिया न जलइयो रे हाय
जिया न लगईयो रे हाय
जिया न जलइयो रे हाय

बर्फ पिघल के पानी होय जाये रे
बर्फ पिघल के पानी होय जाये रे
बदल बन उड़ जाए

पीड जिया में ऐसी बैठी रे बैठी
ऐसी बैठी रे बैठी
न पिघले न जाए रे

नदी किनारे बहते सहारे
न ना लगईयो रे


हाय जिया न लगईयो रे
जिया न जलइयो रे हाय

लकड़ जल के कोयला होय जाए

हो झूठे वचन सारी बातें
झूठे वचन सब सारी बातें
रुत बरखा का पानी
बरस बरस सब बह जावे रे
सब बह जावे रे


जीने जितने मानी
सावन से ये न बुझने की


जाँ न जलइयो
जिया न जलइयो रे
जिया न लगईयो रे
जिया न जलइयो रे
जिया न जलइयो रे

--गुलज़ार

यह गीत हिन्दी सिनेमा "ओमकारा" का है।

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